सामाजिक सहभागिता
केन्द्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के विद्यालयों में समुदाय सहभागिता महत्वपूर्ण है। यहां कुछ मुख्य बिंदु हैं:
- नीति का महत्व: 1964-66 में कोठारी आयोग ने शिक्षा की विकेन्द्रीकरण और माता-पिता की भागीदारी की आवश्यकता को उजागर किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE) 1986 ने विकेन्द्रीकृत योजना और प्राथमिक शिक्षा के प्रबंधन को महत्वपूर्ण माना, जिसमें समुदाय सहभागिता को महत्वपूर्ण रणनीति माना गया।
- विद्यालय प्रबंधन समितियाँ (SMCs): राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट 2009 के अनुसार, KVS विद्यालयों में SMCs का गठन होता है। ये समितियाँ माता-पिता, शिक्षकों और समुदाय के प्रतिष्ठानों से मिलकर विद्यालय की गतिविधियों का मॉनिटरिंग करती हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करती हैं।
- लाभ: समुदाय सहभागिता शैक्षिक पहुंच, गुणवत्ता और जवाबदेही को बढ़ावा देती है। यह छात्रों के संपूर्ण विकास और सहयोग के लिए जिम्मेदारी का भाव बढ़ाती है।
- चुनौतियाँ: नीति के बावजूद, निष्क्रिय समितियाँ, जागरूकता की कमी और संसाधनों की सीमा आज भी बनी हुई है। इन मुद्दों का समाधान सहयोग को प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
संक्षेप में, सामुदायिक भागीदारी केवीएस शिक्षा की आधारशिला है, जो समग्र विकास और सहयोग को बढ़ावा देती है।